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Saturday 30 March 2013

غدار سوٹ کیس


غدار سوٹ کیس
ہمانشو کمار

کل میں نے ایک غدار وطن سوٹکیس دیکھا. میں دیکھتے ہی پہچان گیا کہ یہ غدار سوٹکیس ہے. اس کا رنگ سرخ تھا اور اس پر حج سفر کا نمبر بھی لکھا ہوا تھا. میں ایک ہی نظر میں سمجھ گیا کہ یہ تو پکا غدار سوٹکیس ہے. لال رنگ اپنے آپ میں میں ہی بغاوت کا ثبوت ہے. ارے اگر اس سوٹکیس کو بھارت میں رہنا ہے تو اسے اپنا رنگ گیروا کروا لینا چاہئے تھا. یا پھر سفید کروا لیتا تو ہم اسے گاندھيوادي مان کر برداشت کر لیتے. لیکن سرخ رنگ وہ بھی اس دور میں؟ جب کہ ہم لال اسٹریٹ. لال دہشت گردی اور لال نظریات کی وجہ سے راتوں کو جاگ جاتے ہیں. ایسے میں اس سوٹکیس کا سرخ ہونا بہت ہی خطرناک سیاسی رجحانات کی علامت ہے. یہ راج دروہی بھی ہو سکتا ہے. ممکن ہے یہ قانونی حیثیت سے قائم ریاست کے خلاف غیر وفادارانہ ذہنیت رکھتا ہو. میرا دل ہوا اسے اب پھانسی دے دی جانی چاہئے. کمبخت لال. ارے جب ہمارے چھتیس گڑھ کا عقلمند وزیر داخلہ لال سلام کہنے کے جرم میں سوامی اگنی ویش کو جیل میں ڈالنے کا اعلان کر سکتا ہے تو اس بیگ کو اپنے لئے سرخ رنگ کا انتخاب کتنا بڑا جرم ہے.

اور لال رنگ کے ساتھ حج کے سفر کا مسافر نمبر بھی. یہ تو انڈین مجاہدین اور چین کے گٹھ جوڑ کا مونہہ بولتا اور بین ثبوت ہے. ہوم منسٹري پاگل تھوڑے ہی ہے جو دہرئیہ نکسلیوں اور کٹر مذہبی مجاهدوں کے اتحاد کے ثبوت تیار کرنے کے لئے بیٹھے بیٹھے کہانیاں گڈھتے ہے. یہ دیکھ لو سامنے ثبوت لال سوٹکیس پر حج کا نمبر. اور کیا ثبوت چاہیے تمہیں انسانی حقوق اور سیکیولریزم کا نعرہ لگانے والے اندھو۔۔.

میں تو پہلے سے ہی رنگوں کی بنیاد پر فیصلہ کر دینے کے حق میں ہوں. دنتے واڑہ میں ایک بار ایک کھیل رہے ایک قبائلی بچے کے پیر میں پولیس نے گولی مار دی. میں ایس پی صاحب کے پاس گیا. میں نے کہا صاحب اس بچے کو تو ہم جانتے ہیں اسے گولی کیوں ماری؟ تو ایس پی صاحب کہنے لگے کہ اس نے سبز رنگ کی شرٹ پہنی ہوئی تھی اور اس رنگ کی شرٹ تو نکسلی پہنتے ہیں اس لئے ہم نے گولی مار دی. ایس پی صاحب کی ایک دم واجب بات ہے. میں نے ان سے کہا کہ اس ضلع میں جن کے پاس بھی سبز شرٹ ہے آپ سب کو گولی مار دیں گے؟ میرے پاس بھی ایک ہرا کرتا ہے. جس دن میں اپنا ہرا کرتا پہنوں اس دن آپ کے سامنے نا آووں نہیں تو آپ گولی مار دیں گے.

پر بھارت میں یہ چلتا ہے. آپ کا رنگ ہی آپ کی شناخت ہے. آپ کے اوپر قانون کا ڈنڈا آپ کا رنگ دیکھ کر چلتا ہے. حکومت جب مسلمانوں پر ڈنڈا چلاتی ہے تو ہندوؤں سے کہہ دیتی ہے چپ رہو یہ پاکستانی ہے، گویا پاکستان کو آپ ڈھول کی طرح پیٹ سکتے ہیں. ہاں امریکی یا جاپانی کو نہیں پیٹ سکتے. ہم اپنے پڑوسی کے ساتھ نہیں جی سکتے. دور والے آ کر ہمارے سر پر بیٹھ جائیں کوئی تکلیف نہیں.

پاکستانی مرے تو ہم بہت خوش ہوتے ہیں. ہم انسان کو انسان کی طرح نہیں مانتے. ہم انسان کو اس کی پیدائش کی جگہ کی بنیاد پر دوست یا دشمن سمجھتے ہیں. ہم ایسا کیوں کرتے ہیں پتہ نہیں. پر ہمارے باپ نے ایسا ہی کیا تھا اس لئے ہم بھی ایسا ہی کرتے ہیں جی. اچھے بچے بحث نہیں کرتے



कल मैंने एक देशद्रोही सूटकेस देखा . मैं देखते ही पहचान गया कि यह देशद्रोही सूटकेस है . उसका रंग लाल था और उस पर हज यात्रा का नम्बर भी लिखा हुआ था . मैं एक ही नजर में समझ गया कि यह तो पक्का देशद्रोही सूटकेस है . लाल रंग अपने आप में में ही देशद्रोह का सबूत है . अरे अगर इस सूटकेस को भारत में रहना है तो इसे अपना रंग केसरिया करवा लेना चाहिये था . या फिर सफ़ेद करवा लेता तो हम उसे गांधीवादी मान कर सहन कर लेते . लेकिन लाल रंग वो भी इस दौर में ? जब कि हम लाल गलियारे . लाल आतंक और लाल विचारधारा के कारण रातों को जाग जाते हैं . ऐसे में इस सूटकेस का लाल होना बहुत ही खतरनाक राजनैतिक रुझान का परिचायक है . यह राजद्रोही भी हो सकता है . सम्भव है यह विधि द्वारा स्थापित राज्य के प्रति अप्रीति उत्पन्न करने की मानसिकता रखता हो . मेरा मन हुआ इसे अभी फांसी दे दी जानी चाहिये . कमबख्त लाल . अरे जब हमारे छत्तीसगढ़ का अकलमन्द गृहमंत्री लाल सलाम कहने के जुर्म में स्वामी अग्निवेश को जेल में डालने की घोषणा कर सकता है तब इस बैग का अपने लिये लाल रंग चुनना कितना बड़ा जुर्म है .

और लाल रंग के साथ हज यात्रा का यात्री नम्बर भी . ये तो इंडियन मुजाहिदीन और चीन के गठजोड़ का साक्षात् सबूत है . होम मिनिस्ट्री पागल थोड़े ही है जो नास्तिक नक्सलियों और धर्मान्ध मुजाहिदीनों के गठजोड़ के सबूत तैयार करने के लिये बैठे बैठे कहानियां गढते है. ये देख लो सामने सबूत लाल सूटकेस पर हज का नम्बर . और क्या सबूत चाहिये तुम्हें छद्म धर्मनिरपेक्षवादी अन्धों .

मैं तो पहले से ही रंगों के आधार पर फैसले कर देने के पक्ष में हूं . दंतेवाड़ा में एक बार एक खेल रहे एक आदिवासी बच्चे के पैर में पुलिस ने गोली मार दी . मैं एस पी साहब के पास गया . मैंने कहा साहब उस बच्चे को तो हम जानते है उसे गोली क्यों मारी ? तो एस पी साहब कहने लगे कि उसने हरे रंग की शर्ट पहनी हुई थी और इस रंग की शर्ट तो नक्सलवादी पहनते हैं इसलिये हमने गोली मार दी . एस पी साहब की एकदम वाजिब बात है . मैंने उनसे कहा कि इस जिले में जिनके पास भी हरी शर्ट है आप सबको गोली मार देंगे ? मेरे पास भी एक हरा कुरता है . जिस दिन मैं अपना हरा कुरता पहनूं उस दिन आपके सामने ना आऊँ नहीं तो आप गोली मार देंगे .

पर भारत में यह चलता है . आपका रंग ही आपकी पहचान है .आपके ऊपर क़ानून का डंडा आपका रंग देख कर चलता है . सरकार जब मुसलमानों पर डंडा चलाती है तो हिंदुओं से कह देती है चुप रहो यह पाकिस्तानी है , गोया पाकिस्तानी को आप ढोल की तरह पीट सकते हैं . हाँ अमरीकी या जापानी को नहीं पीट सकते . हम अपने पड़ोसी के साथ नहीं जी सकते . दूर वाले आकर हमारे सिर पर बैठ जायें कोई तकलीफ नहीं .

पाकिस्तानी मरे तो हम बहुत खुश होते हैं . हम इंसान को इंसान के तरह नहीं मानते . हम इंसान को उसके जन्म के स्थान के आधार पर दोस्त या दुश्मन मानते हैं. हम ऐसा क्यों करते हैं पता नहीं . पर हमारे बाप ने ऐसा ही किया था इसलिये हम भी ऐसा ही करते हैं जी . अच्छे बच्चे बहस नहीं करते

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